डेस्क। कांग्रेस की अंदर कलह कम होने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर मची खलबली के बाद कई बड़े नेताओं के बयान सामने आए। इसके बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी नाराज़ होने की खबर भी खूब सुर्खियों में रही। सोमवार को मीटिंग में सोनिया गांधी को अगले 6 महीनें अध्यक्ष पद पर और रहने के फैसले के बाद कपिल सिब्बल ने मंगलवार को ट्वीट करके कई तरह की अटकलों को फिर से हवा दे दी है। कपिल सिब्बल के ट्वीट करते हुए लिखा, ‘यह किसी पद की बात नहीं है। यह मेरे देश सबसे ज्यादा जरूरी है।’
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सूत्रों के मुताबिक राहुल ने चिट्ठी लिखने वाले वरिष्ठ नेताओं पर भाजपा से साठगांठ का आरोप लगा दिया। हालांकि, कांग्रेस ने कुछ देर बाद ही बयान दिया था कि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ नहीं कहा। इसके बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और गांधी परिवार के खास गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने आरोप साबित होने पर इस्तीफे तक की पेशकश कर दी। मिली जानकारी के मुताबिक बाद में इस मामले को सुलझा लिया गया। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है कि कांग्रेस के बड़े नेता ही जब गांधी परिवार की खुलकर बगावत करने पर उतर आए है तो आने वाले समय में क्या गांधी परिवार पार्टी को दो धड़ों में बंटने से रोक पाएगा।
क्या था पूरा मामला:
पिछले कुछ समय से गैर-गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठ रही थी। खुद पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने भी इस बात का समर्थन किया था। अब कांग्रेस के अंदर एक ‘लेटर बम’ फूटा है। करीब 20 से अधिक नेताओं ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर ‘परिवर्तन’ की मांग की है।