भारत में दलाई लामा की जासूसी के लिए हवाला से पैसा भेज रहा चीन !

  • बड़े पैमाने पर चल रहा था हवाला करोबार
  • वीचैट से हुई जासूसी और रिश्वत की बातचीत 
  • दलाई लामा की जासूसी के लिए चीन की रिश्वत 

फोकस भारत। चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया और तिब्बतियों पर अपनी सेना बिठा दी ताकि वे किसी तरह का विरोध नहीं कर सकें। तिब्बत जब आजाद देश था भारत से उसके संबंध बेहत करीबी थी। कैलाश मानसरोवर तिब्बत में ही है। भारत के लिए यह आस्था के सबसे बड़े केंद्रों में से एक था। बौद्ध भिक्षुओं के देश तिब्बत के भारत के गया और लद्दाख से बेहतर रिश्ते थे। लेकिन चीन की विस्तारवादी नीतियों और लालच के कारण बलपूर्वक तिब्बत हथिया लिया गया। नेहरू के शासनकाल में  तिब्बत के धर्मगुरू दलाई लामा ने भारत में शरण ली और इसी वजह से भारत चीन का सबसे बड़ा दुश्मन हो गया। दलाई लामा की आवाज पूरे विश्व में सुनी जाती है। लिहाजा चीन उनकी आवाज  को बंद करना चाहता है। हाल में ये जानकारी सामने आई है कि दलाई लामा की जासूसी करने के लिए चीन घूसखोरी का सहारा ले रहा है।

दलाईमाना, जासूसी और घूसखोरी

भारत के इनकम टैक्स विभाग ने एक बड़ा खुलासा किया है। ये कहा गया है कि पड़ोसी दुश्मन चीन तिब्बत के निर्वासित धर्मगुरू दलाई लामा की जानकारी हासिल करने के लिए जासूसी करवा रहा है और रिश्वर दे रहा है। आयकर विभाग के मुताबिक हवाला कारोबार से जुड़ा चार्ली लुओ सांग दिल्ली में कुछ लामाओं को रिश्वत देकर, दलाई लामा और उनके करीबी सहयोगियों की जानकारी जुटाने की कोशिश करता पाया गया है।

दो से तीन लाख की रिश्वत लो, दलाई लामा का पता बताओ

आयकर विभाग के खुलासे के मुताबिक दिल्ली में मजनू का टीला के पास रिश्वत की ये राशि कुछ लोगों को दी गई है, ये दो से तीन लाख रुपए के पैकेट थे। पैसे के लेन-देन की बात चीनी ऐप वीचैट पर रिकॉर्ड की गई बातचीत से सामने आई है। चार्ली के साथ काम करने वाले दफ्तर के लड़कों का इस्तेमाल रुपए से भरे पैकेट्स को छोड़ने के लिए किया जाता था।

आयकर विभाग ने सुरक्षा एजेंसियों को दी सूचना

आयकर विभाग इस बातचीत को गंभीरता से ले रहा है। दलाई लामा की जासूसी के लिए चीनी एजेंसियां सक्रिय हैं। यह जानकारी विभाग ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंचा दी है।

कौन है चार्ली लुओ सांग

चार्ली लुओ सांग चीनी नागरिक है। इसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 13 सितंबर 2018 को दिल्ली के मजनू का टीला इलाके से पकड़ा था। सांग पर पर फर्जी पासपोर्ट के जरिए दिल्ली में रहने का आरोप था। कुछ वक्त जेल में रहने के बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इसके बाद चार्ली पर नजर रखी जाने लगी।

जासूसी कांड में हवाला का पैसा

दलाई लामा की जासूसी के मामले में हवाला का पैसा लगा है। इस काम में दिल्ली के ही एक चार्टेड अकाउंटेंट की मदद ली गई है। जिसे शिकंजे में लिया जा चुका है। चीन से हवाला का पैसा ट्रांसफर करने में ये सीए चार्ली की मदद करता था। ये सीए लगभग चालीस बैंक खातों का संचालन कर रहा था। जिनके जरिये चीनी कंपनियों से पैसा ट्रांजेक्शन किया गया है। ये भी खुलासा हुआ है इस हवाला कारोबार के तार हांगकांग से जुड़े हैं। लेन-देन के सारी तैयारी वीचैट पर की गई। आयकर विभाग अंदेशा जता रहा है कि इन तमाम खातों के जरिए करोड़ों रुपए इधर से उधर हुए हैं। रकम को लेकर आयकर विभाग और जानकारियां जुटा रहा है और कई बैंककर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है।

पैसे के जरिए दलाई लामा की जासूसी

आयकर विभाग ने खुलासा किया है कि करोड़ों की इस काली कमाई के गोरखधंधे में बीजिंग की कुछ बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। ये कंपनियां साजिश को अंजाम देने के लिए अपने ही देश की छोटी कंपनियों को फर्जी खरीद पत्र जारी करती थीं और बाद में बोगस बिल के जरिए हासिल हुई रकम का इस्तेमाल दलाई लामा जैसे धर्म गुरुओं की जानकारी जुटाने में कर रही थी।

बहरहाल, मामला संगीन है और अंतर्राष्ट्रीय अपराध की श्रेणी का है। डोकलाम और गलवान में चीन का जोर नहीं चल रहा थो वह रिश्वत और जासूसी पर उतर आया है। अफसोस ये है कि कुछ पैसों के लालच में भारत के ही लोग इन कंपनियों के शिकंजे में फंस जाते हैं। मामला चूंकी देश की सुरक्षा से जुड़ा है लिहाजा आयकर विभाग ने इसे रक्षा ऐजेंसियों के साथ शेयर किया है।

रिपोर्ट- आशीष मिश्रा