‘जाने का नहीं’ कहकर चले गए राहत इंदौरी साहब

  • मशहूर शायर राहत इंदौरी का निधन
  • कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में थे भर्ती 
  • हार्ट अटैक से हुई मौत 

फोकस भारत। ‘बुलाती है मगर जाने का नहीं’ कहकर राहत इंदौरी खुद चले गए। उर्दू के ख्यातनाम शायर राहत इंदौरी का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पेशे से कभी उर्दू के प्रोफेसर और शौकिया चित्रकार रहे राहत साहब ने जब शायरी की दुनिया में कदम रखा तो फिर हर तरफ उन्होंने अपने शब्दों से राहत बरसाई। कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर उनकी शायरी ‘बुलाती है मगर जाने का नहीं, ये दुनिया है, उधर जाने का नहीं’ जबरदस्त ट्रेंड हुआ था। यहां तक कि यूथ में ये लाइनें इतना पॉपुलर हुईं कि शायरी की एक पंक्ति से प्रिंट टीशर्ट्स मार्केट में आ गईं। बाजार का इतना प्यार कभी किसी शायर को नहीं मिला। कोरोना काल ने एक के बाद एक दिग्गज हस्तियां लील ली। साहित्य जगत में इंदौरी वो जगह खाली करके गए हैं जिसे भरा नहीं जा सकता।

कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट आई थी इंदौरी की

राहत इंदौरी साहब ने फिल्मों के लिए भी बेहतरीन गीत लिखे थे और मंच पर जब वे अपनी शायरी पेश करते तो समां ही बांध दिया करते थे। सारी दुनिया में लोग उनके मुरीद थे, चाहने वाले थे। 70 साल के इंदौरी का कोरोना टेस्ट पॉजीटिव आया था। इसके बाद वे अस्पताल में भर्ती किये गए थे। आज दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इंदौर के अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में उनका इलाज चल रहा था। वे पहले से ही हार्ट, लंग्स और डायबिटीज बीमारियों के शिकार थे।

दोनों फेफड़ों में थी निमोनिया की शिकायत

इंदौरी के दोनों फेफड़ों में निमोनिया की शिकायत थी और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें आईसीयू में रखा गया था और ऑक्सीजन दी जा रही थी लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। इंदौरी के बेटे सतलज राहत ने पिता की मौत से पहले बताया था कि कोरोना के चलते राहत इंदौरी साहब पिछले चार महीनों से घर में ही थे। वे केवल नियमित मेडिकल चेकअप के लिये ही घर से बाहर जाते थे। इंदौरी को पिछले पांच दिन से बेचैनी महसूस हो रही थी और डॉक्टरों की सलाह पर जब उनके फेफड़ों का एक्स-रे कराया गया तो इनमें निमोनिया की पुष्टि हुई थी। बाद में जांच में वे कोरोना संक्रमित पाये गये।

खुद ने दी थी कोरोना की चपेट में आने की जानकारी

राहत इंदौरी ने खुद के कोरोना वायरस की चपेट में आने की जानकारी ट्विटर के जरिए दी थी। उन्होंने कहा था कि –

कोरोना के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। अरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं। दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं।

उन्होंने अपने चाहने वालों से अपील भी की थी कि बार बार उन्हें या उनके परिवार को फोन करके जानकारी न मांगी जाए, वे खुद ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से सभी को जानकारी देते रहेंगे।

राजनीतिक जगत में भी शोक की लहर

राहत साहब के चाहने वालों की लिस्ट बहुत लंबी थी। राजनीतिक दिग्गज भी उनके मुरीद थे। राहुल गांधी, राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान, अरविंद केजरीवाल समेत तमाम राजनीतिक हस्तियों ने ट्वीट करके उनके निधन पर शोक जताया है।

राहुल गांधी ने लिखा

“अब ना मैं हूँ ना बाक़ी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे…” अलविदा, राहत इंदौरी साहब।

शिवराज सिंह चौहान ने लिखा –

..राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तों दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो …राहत जी आप यूँ हमें छोड़ कर जाएंगे, सोचा न था। आप जिस दुनिया में भी हों, महफूज़ रहें, सफर जारी रहे।

राजनाथ सिंह ने लिखा- 

मक़बूल शायर राहत इंदौरीजी के गुज़र जाने की खबर से मुझे काफ़ी दुख हुआ है। उर्दू अदब की वे क़द्दावर शख़्सियत थे।अपनी यादगार शायरी से उन्होंने एक अमिट छाप लोगों के दिलों पर छोड़ी है।आज साहित्य जगत को बड़ा नुक़सान हुआ है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं।

अरविंद केजरीवाल ने लिखा-

मशहूर शायर राहत इंदौरी साहब के निधन की खबर जानकर बेहद दुख हुआ। आज देश ने एक महान शख़्सियत को खो दिया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दें।

(राजनीतिक हस्तियों के ट्वीट)

वाकई, राहत इंदौरी शब्दों के जादूगर थे और जब वे मंच पर हंसते हुए शायरी के काफिये से मक्ते तक आते तो वाह-वाही का ऐसा दौर उठता कि देर तक महफिल उनके नाम की दाद से गूंज रही होती। राहत इंदौरी जैसे फनकार शायर सदियों में एक बार आते हैं। वो कहते थे- गुलाब, ख्वाब, दवा, जहर, जाम क्या क्या है, मैं आ गया हूं बता इंतजाम क्या क्या है।‘ राहत इंदौरी जन्नत में भी अपने नाम की महफिल लूट रहे होंगी।

रिपोर्ट- आशीष मिश्रा