- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखा खत
- खत के मजमून के अहम 7 बिंदु
फोकस भारत। राजनीति की कंटीली झाड़ियों में मरु प्रदेश बुरी तरह उलझा है। राज्य की एजेंसी बनाम केंद्र की एजेंसी, एसओजी बनाम सीबीआई, विधायक बनाम विधायक, खरीद बनाम खरोख्त, होटल बनाम होटल, स्पीकर बनाम डिप्टी सीएम, हाईकोर्ट बनाम सुप्रीम कोर्ट, सरकार बनाम छोटे सरकार…कितने बनाम गिनाए जाएं। दामन है कि सुलझने का नाम नहीं लेता। कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। सरकारी खजाना खाली है। ऐसे में एक पिछड़े प्रदेश का मुख्यमंत्री बुरी तरह घिर गया है। न्यायालय की शरण ली है लेकिन वहां से भी कोई आस नहीं जाग रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘पत्र’ का सहारा लिया है। कई बार पत्रों का इस्तेमाल भी खतरों से निजात दिला देता है। ये पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है। चिट्ठी में उन्होंने सूबे के सियासी हालात की दुखभरी दास्तान लिखी है।
उन्होंने खत में क्या लिखा, इन 7 बिन्दुओं से समझिये-
- राजस्थान में चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है। इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भाजपा, कांग्रेस के कुछ नेता शामिल हैं।
- राज्यों में चुनी हुई सरकारों को हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए गिराने की कोशिशों की ओर ध्यान दीजिए, राज्यों और केंद्र में अलग-अलग दलों की सरकारें चुनी जाती हैं। इन सरकारों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोकहित के लिए काम किया है।
- पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने 1985 में दल बदल निरोधक कानून बनाया गया था, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इसमें संशोधन किया था, उनकी भावनाओं को दरकिनार किया जा रहा है
- पिछले कुछ समय से राज्य सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश हो रही हैं, यह जनमत का अपमान है, कर्नाटक मध्यप्रदेश इसके उदाहरण हैं।
- राजस्थान में सरकार गिराने की कोशिश केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा के अन्य नेता और कांग्रेस के कुछ अति महत्वाकांक्षी नेता कर रहे हैं
- केंद्र व राज्य सरकार जीवन और आजीविका बचा रहे हैं, ऐसे में केंद्र में सत्ता पक्ष कैसे कोरोना प्रबंधन छोड़कर कांग्रेस की राज्य सरकार को गिराने के षड्यंत्र में भूमिका निभा सकता है
- मध्यप्रदेश की घटना में भाजपा बदनाम हुई थी, आपको गुमराह किया जा रहा है, इतिहास ऐसी हरकत करने में भागीदार लोगों को कभी माफ नहीं करेगा।
बहरहाल, मुख्यमंत्री ने यह पत्र तब लिखा है जब सुबह ही उनके बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के आवास और प्रतिष्ठानों पर प्रवर्तन निदेशालय से छापेमारी की है, इससे पहले सीबीआई कांग्रेस नेता कृष्णा पूनिया से पूछताछ कर चुकी है और आयकर विभाग कांग्रेस के दो नेताओं धर्मेंद्र राठौड़ और राजीव अरोड़ के ठिकानों पर छापे मार चुके हैं।
रिपोर्ट – आशीष मिश्रा