- हाईकोर्ट खंडपीठ से सुनवाई कल 1 बजे तक क्यों टाली
- कल 1 बजे तक ही पायलट गुट को देना है जवाब
- क्या पायलट खेमे में टेंशन बढेगी
फोकस भारत। राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने पायलट गुट को 17 जुलाई को दोपहर 1 बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा था। पायलट गुट ने राजस्थान हाईकोर्ट की शरण ली और अब खंडपीठ ने भी 17 जुलाई दोपहर 1 बजे तक के लिए सुनवाई टाल दी है। क्या है इसका मतलब क्या अब पायलट खेमे पर पूरा दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी ? क्या कांग्रेस में लौट आएंगे सचिन और बागी विधायक ?
नोटिस पर भी उठे थे सवाल
कांग्रेस से बागी नेता को राजस्थान में व्हिप की अवहेलना करने पर मिला नोटिस क्या वैधानिक तौर पर ठीक है ? सवाल इसलिए उठा है क्योंकि इसकी वैधानिकता को लेकर पायलट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का मन बनाया है। पायलट और उनके साथ 18 विधायकों को विधानसभा स्पीकर की ओर से यह नोटिस जारी किया गया है, जवाब नहीं मिलने पर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जा सकती है।
क्या है संवैधानिक प्रावधान ?
गहलोत सरकार का तर्क है कि बागी विधायकों को ये नोटिस भारतीय संविधान के आर्टिकल 191 और सपठित 10वीं अनुसूचि और राजस्थान विधानसभा दल परिवर्तन के आधार पर निर्हर्ता नियम 1989 के प्रावधानों के आधार पर दिये गए हैं।
पायलट का नोटिस पर पक्ष
भाजपा की ओर से गुलाबचंद कटारिया और पायलट गुट ने इस नोटिस को अवैध करार दिया है। उनका दावा है कि यह व्हिप अवहेलना नोटिस तब जारी किया जाता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो, अब सवाल ये है कि क्या सीएम आवास पर बैठक या होटल में विधायक दल की बैठक को लेकर भी इस तरह का नोटिस जारी किया जा सकता है, जबकि अभी तक ये नेता सिर्फ असंतुष्ट हैं, इन्होंने किसी भी राजनीतिक दल का दामन थामने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। इसी तर्क के आधार पर पायलट गुट सुप्रीम कोर्ट की शरण ले सकता है।
क्या रास्ता के पायलट गुट के पास ?
सुप्रीम कोर्ट से अगर नोटिस पर स्टे मिल जाता है तो नोटिस महत्वहीन हो जाएगा। कानूनी स्टे मिलने में देरी होती है तो विधायक गुट नोटिस का जवाब देने को भी तैयार है, लेकिन इसके लिए वे समय की मांग कर मामले को आगे तक खींच सकते हैं। फिलहाल कल यानी 17 जुलाई को दोपहर 1 बजे तक उन्हें नोटिस का जवाब देना है। जवाब नहीं दिया गया तो उनपर एकपक्षीय कार्रवाई करना आसान हो जाएगा।
किन विधायकों-मंत्रियों को मिला नोटिस ?
सचिन पायलट, रमेश मीणा, इन्द्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, मुरारीलाल मीणा, पी. आर. मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को यह नोटिस भेजा गया है।
रिपोर्ट- आशीष मिश्रा