- कजाकिस्तान में 1772 मौतों का मामला कितना सच
- कजाकिस्तान ने क्यों चीनी दूतावास के बयान को बताया फर्जी
फोकस भारत। चीन इस वक्त पूरी दुनिया के निशाने पर है। चीन से निकला कोरोना पूरी दुनिया में तबाही फैला रहा है। इसके बाद भी चीन भारत, नेपाल, भूटान और दक्षिण चीन सागर में अपनी सामरिक और आर्थिक ताकत को मजबूत करने के लिए गलत गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। कोरोना में दुनिया उलझ गई है और चीन अपनी ताकत बढ़ा रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या ‘अज्ञात निमोनिया’ भी चीन का फैलाया हुआ वायरस है, या इस वायरस के नाम पर वो दुनिया को हड़काना और डराना चाहता है। चीनी दूतावास ने दावा किया था कि कजाकिस्तान में कोरोना से भी ज्यादा मारक निमोनिया फैल रहा है जिससे अब तक 1772 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन ने इसके साथ ही यह भी कहा कि कजाकिस्तान से चीन की सीमा लगती है और चीनी नागरिक भी प्रभावित हो रहे हैं इसलिए उसने अपने लोगों को आगाह किया है। इस पर कजाकिस्तान ने इन खबरों को अफवाह करार दिया है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस मामले पर नजर बनाए हुए है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास ने कहा है कि कोरोना पिछले सौ साल का सबसे खराब स्वास्थ्य संकट है जिसने पूरी दुनिया को कमजोर किया है। रिजर्व बैंक का गवर्नर जब ये बात कहता तो बात में दम लगता है और अंजादा होता है कि कोरोना बीमारी का कद दुनिया के लिहाज से कितना बड़ा है। लेकिन अब कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। कजाकिस्तान में तेजी से ऐसा अज्ञात निमोनिया फैल रहा है जिसे कोरोना से तीन गुना ज्यादा घातक और जानलेवा करार दिया गया है।
पूरी दुनिया में तब खलबली मच गई जब चीन के दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि कजाकिस्तान में अज्ञात निमोनिया की वजह से इस साल 1772 मौतें हो चुकी हैं, सिर्फ जून महीने में ही 628 लोग मारे गए हैं। स्थानीय मीडिया का यह भी दावा है कि जून में 500 से ज्यादा लोग इस घातक निमोनिया से संक्रमित हुए हैं। हालांकि कजाकिस्तान ने चीनी दूतावास से जारी होने वाली चेतावनी को फर्जी खबर करार दिया है। गौरतलब है कि कजाकिस्तान की सीमाएं चीन के शिनजियांग इलाके से लगती हैं, ऐसे में चीन का दावा है कि कुछ चीनी नागरिकों की मौत भी इस अज्ञात बीमारी से हुई है।
कजाकिस्तान पहले ही कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर का दावा है कि कजाकिस्तान में कोरोना के 51 हजार से ज्यादा मामले हैं और ढाई सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना पर काम कर रहे कई रिसर्च संगठन और कजाकिस्तान का स्वास्थ्य महकमा इस अज्ञात वायरस के बारे में यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसका संबंध कोरोना से तो नहीं है। चिंता कजाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री के उस बयान पर भी जाहिर की जा रही है जिसमें उन्होंने कहा कि निमोनिया से बीमार होने वाले रोगियों की संख्या यहां कोरोना संक्रमितोंसे दो या तीन गुना ज्यादा है।
उधर, कजाकिस्तान के अज्ञात निमोनिया को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि कजाकिस्तान में अज्ञात निमोनिया कोरोना वायरस की वजह से हो सकता है। WHO के इमरजेंमसी प्रमुख डॉ. माइकल रेयान ने विभिन्न एजेंसियों के हवाले से कहा कि यह अज्ञात बीमारी कोरोना की वजह से तो नहीं इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि – ‘हम सही जांच कर सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि निमोनिया वाले मरीजों की रिपोर्ट गलत तरीके से निगेटिव न आये, संभवत: कई निमोनिया के मामलों में कोरोना जांच ठीक से नहीं की गई है। हम स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर एक्स रे की पड़ताल करके ये देख रहे हैं कि इसका पैटर्न कोरोना से तो नहीं मिल रहा, क्योंकि कई मामले कोरोना के हो सकते हैं। कजाकिस्तान में पहले से ही WHO की टीम तैनात है।
क्या ‘अज्ञात निमोनिया’ भी चीन की देन ?
दावा किया जा रहा है कि अज्ञात निमोनिया भी चीन की ही देन है। इस साल के शुरूआत में ही सबसे पहले वुहान में इस बीमारी से 40 लोग प्रभावित हुए थे, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई थी कि यह वायरस तेजी से दूसरे देशों में फैल सकता है, इसका मरीज सबसे पहले थाइलैंड में मिला था। तब WHO ने ही इस संक्रमण के दूसरे शहरों में फैलने की आशंका को खारिज किया था। सी-फूड मार्केट में काम करने वाले लोगों में अजीब तरह के लक्षण मिलने के बाद इस बाजार को बंद कर दिया गया था, बताया गया था कि लक्षण निमोनिया के हैं। इससे पहले चीनी मिडिया ने इस अज्ञात निमोनिया के लिए कोरोना वायरस को जिम्मेदार बताया था। 2003 में फैला सार्स भी कुछ ऐसा ही संक्रमण था। चीन में शुरू हुए अज्ञात निमोनिया के लक्षणों में सूखी खांसी, बुखार, थकान, सांस की तकलीफ शामिल थे।
रिपोर्ट – आशीष मिश्रा