- राजस्थान में सियासत भूचाल तेज
- पायलट को 30 असंतुष्टों का समर्थन
- विधायकों को रोकने के लिए बॉर्डर किया सील ?
फोकस भारत। राजस्थान में सियासी भूचाल चरम पर है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि प्रदेश के डिप्टी सीएम कांग्रेस से नाता तोड़कर ज्योतिरादित्य की राह पर चलकर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि उनके समर्थक विधायक भी बीजेपी के पाले में जा सकते हैं।
इधर, इन खबरों के बीच अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी रणनीति बनाने में जुटे हैं। आज रात सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पर सीएम अशोक गहलोत बैठक करने वाले हैं जिसकी तैयारियां चल रही है। मुख्यमंत्री इस मीटिंग में विधायकों और मंत्रियों के साथ ही रात का डिनर भी कर सकते हैं साथ ही सियासी घटनाक्रम पर आगे की रणनीति का जोड तोड बिठाने की भी कोशिश कर सकते हैं।
उधर, खबर है कि ‘खरीद-फरोख्त’ प्रकरण से नाराज पायलट समझौता नहीं चाहते। माना जा रहा है कि पायलट का टारगेट 30 बागी विधायकों मंत्रियों के साथ भाजपा में शामिल होने का था। लेकिन मानेसर के एक होटल में 23 समर्थक ही जुट पाए। बताया यह भी जा रहा है कि राज्य सरकार ने कोरोना के बहाने से राजस्थान बॉर्डर सील कर दिया था। इस कारण से 7 और असंतुष्ट विधायक जयपुर से निकल नहीं पाए और बागी परेड में नहीं पहुंच पाए। खबर है कि पायलट समर्थित सभी असंतुष्ट नेताओं के दिल्ली पहुंचते ही पायलट भाजपा ज्वाइन कर लेंगे। सूत्रों के हवाले से खबर है कि असंतुष्ट विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी कुछ बड़े चेहरों को दी गई है। इन चेहरों को किशनगढ़ विधायक दीपचंद खरिया, राजगढ विधायक जौहरीलाल मीणा, कठूमर विधायक बाबूलाल बैरवा, तिजारा से विधायक संदीप यादव, बानसूर विधायक शकुंतला रावत, चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी और एक अन्य विधायक उदयपुर संभाग से है। ये विधायक पायलट के साथ उनके खेमे में जा सकते हैं जिन्हें रोकने के प्रयास चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश के तमाम गुर्जर विधायक और पायलट समर्थकों पर अब दबाव बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि गहलोत खेमे के गुर्जर नेता भी समाज के दबाव में पायलट खेमे का रुख कर सकते हैं। खबर है कि गहलोत खेमे के गुर्जर नेता डॉ. जितेंद्र ने भी समर्थन का पत्र पायलट को सौंपा है। पायलट की ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में भाजपा के बड़े नेताओं के साथ मीटिंग होने वाली थी।
रिपोर्ट- आशीष मिश्रा