फोकस भारत। राजस्थान में सीकर के पुरानाबास ग्राम पंचायत की सरपंच विद्या देवी। राजस्थान की सबसे उम्र दराज सरपंच हैं। इनकी उम्र 98 साल है। हाथ में लकड़ी लेकर चलती हैं, लेकिन उनका जज्बा मिसला है। कोरोनावायरस की महामारी के काल में लॉकडाउन के बीच विद्दा देवी अपने गांव में वे घर-घर जाकर लोगों को मास्क लगाने, सैनिटाइजर इस्तेमाल करने और घर में ही रहने की सीख दे रही हैं। मसलन पंचायत के 9 गांवों में सोडियम हाईपोक्लोराइड स्प्रे का छिड़काव भी करवा चुकी हैं। इसके अलावा 80 जरूरतमंद परिवारों तक राशन सामग्री भी पहुंचा चुकी हैं।
विद्दी देवी ने भास्कर से बातचीत में कहा कि ‘लॉकडाउन की हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाएं। हम क्यों सिर्फ सरकार तक ही निर्भर रहे। मैं सरपंच हूं और मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मुसीबत के वक्त इस गांव के लोगों की सेवा के लिए आगे आऊं। उम्र का बहाना बनकर घर में बैठ जाऊं। यह कतई उचित नहीं होगा।’
खुद कभी स्कूल नहीं गई लेकिन महिला शिक्षा पर जोर
विद्या देवी के ससुर 20 साल सरपंच रहे, पति मेजर शिवराम एक बार और पुत्रराम सिंह कृष्णा दो बार सरपंच बने थे। चुनाव जीतने के बाद विद्या देवी ने कहा- सरपंच के नाते इलाके में पेयजल की किल्लत दूर करूंगी और विधवाओं को पेंशन दिलाऊंगी। विद्या देवी झुन्झुनू के जागीरदार परिवार में जन्मीं और खेती किसानी के माहौल में बड़ी हुईं। 1923 के दौर में बालिका शिक्षा को महत्व नहीं दिए जाने के चलते विद्या देवी ख़ुद तो कभी स्कूल नहीं गईं लेकिन गांव में बच्चों को पढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास का वादा करती हैं। वे कहतीं हैं, “तब लड़कियों को कोई नहीं पढ़ाते थे लेकिन अब तो बच्चे ख़ूब पढ़ रहे हैं” दरअसल खुद कभी स्कूल नहीं जाने वाली विद्या देवी के बारे में ग्रामीण कहते हैं कि इस उम्र में भी वो ग्रामीण महिलाओं से शिक्षा के बारे में बातें करती हैं। वहीं सरपंच विद्या देवी चुनाव से चार दिन पहले ही उनके बेटे नरेंदर का निधन हो गया था। विद्या देवी ने इस वर्ष पहली फ़रवरी को अपना 98वां जन्मदिन मनाया है।