राजीव गांधी ने ऐसे किया ‘लोकतंत्र’ मजबूत

फोकस भारत। भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था। आपको बता दें, देश में पंचायती राज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी लेकर आए थे

कैसे आया था पंचायती राज

2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज की मजबूत नींव देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी, उस पर अधिकारों की एक शानदार इमारत खड़ी करने का काम राजीव गांधी जी ने किया था। पंचायती राज से जुड़ी संस्थाएं मजबूती से विकास कार्य कर सकें, इस सोच के साथ राजीव गांधी ने देश में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त किया। राजीव गांधी का मानना था कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था सफल नहीं होगी, तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता। उन्होंने अपने कार्यकाल में पंचायती राज व्यवस्था का पूरा प्रस्ताव तैयार कराया। राजीव गांधी की सरकार की ओर से तैयार 64वें संविधान संशोधन विधेयक के आधार पर तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार ने 73वां संविधान संशोधन विधेयक पारित कराया। 24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुआ। जिससे सभी राज्यों को पंचायतों के चुनाव कराने को मजबूर होना पड़ा।

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