वो कमरा जहां संविधान रचयिता ने ली थी आखिरी सांस, आज कैसा दिखता है?

फोकस भारत।
देखिए वो कमरा जहाँ बाबा साहेब ने ली थी आखिरी सांस
इस कमरे में आज भी मौजूद हैं बाबा साहेब की यादें
ऐतिहासिक कमरे का पूरा सच
बाबासाहेब के जीवन का सबसे अहम स्थान
ये वस्तुएँ कहती हैं बाबा साहेब की जीवन की कहानी
बाबा साहेब के घर को बनाया गया है राष्ट्रीय स्मारक
आज भी अंबेडकर नेशनल मेमोरियल में मौजूद है ये कमरा
दिल्ली में बाबा साहेब का घर अब ऐसा दिखता है
दिल्ली में 26,अलीपुर रोड़ पर है बाबा साहेब का घर
6 दिसंबर 1956 को बाबा साहेब ने ली थी आखिरी सांस

दिल्ली स्थित 26 अलीपुर रोड जहां पर अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण किया गया है इसकी अपनी महत्ता भी है। बताया जाता है कि 1 नवंबर 1951 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, सिरोही के महाराज के घर में रहने आ गए थे। वह घर 26 अलीपुर रोड पर ही बना हुआ था। यहां पर अंबेडकर 6 दिसंबर 1956 तक रहे थे। यहीं पर उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली थी। यह स्मारक भारत के संविधान निर्माता अंबेडकर के जीवन और उनके योगदान को दिखाती है। इस जगह को राष्ट्रीय स्मारक के रुप में सहजने के लिए निर्माण कराया गया। प्रधानमंत्री ने 21 मार्च, 2016 को इसकी आधारशिला रखी थी। क्योंकि इस इमारत को संविधान निर्माता बाबा साहब के स्मारक के रूप में निर्मित किया गया है। इसलिए इमारत को पुस्तक का आकार दिया गया है।इस इमारत में एक प्रदर्शनी स्थल, स्मारक, बुद्ध की प्रतिमा के साथ ध्यान केन्द्र और अम्बेडकर की 12 फुट की कांस्य प्रतिमा है।इमारत के प्रवेश द्वार पर अशोक 11 मीटर ऊंचा अशोक स्तंभ है। पीछे की तरफ ध्यान केन्द्र बनाया गया है।
इमारत 7374 वर्ग मीटर क्षेत्र में खड़ी की गई है। इसका कुल निर्मित क्षेत्र 6758 वर्ग मीटर है। भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महु में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था।

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