फोकस भारत। कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए किए गए विशेष प्रबंधन के लिए राजस्थान के भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा पूरे देश में है। ऐसे में UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2015 की टॉपर टीना डाबी की खास चर्चा होग रही है। , क्योंकि टीना डाबी ने बेहतरीन काम किया है। दरअसल टीना को IAS ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अक्टूबर 2018 में भीलवाड़ा के एसडीएम (सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट) पद पर पहली पोस्टिंग मिली थी।
एसडीएम टीना डाबी ने हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि इस जगह को कोरोना हॉटस्पाट बताया जा रहा था और कहा जा रहा था कि अगला इटली यही होगा। जैसी देश के और जगहों पर तैयारियां चल रही थीं, वैसी ही तैयारियां यहां भी चल रही थीं। कोरोना प्रकोप पर काबू पाने में जुटी टीम में शामिल टीना ने कहा कि 19 मार्च को यहां कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला सामने आया था। 20 मार्च को यहां छह पॉजिटव केस हो गए थे. इसके लिए हम एक प्राइवेट हॉस्पिटल को इसका मुख्य केद्र मानकर चल रहे थे। बृजेश बंगार मेमोरियल हॉस्पिटल के कुछ डॉक्टर व स्टाफ कोरोना पाजिटिव पाए गए थे। जिले के कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने 20 मार्च को ही पूरी तरह कर्फ्यू लगाने का फैसला किया। लोगों को भरोसे में लेकर जिले को पूरी तरह शटडाउन और सील कर दिया गय। दो घंटे के भीतर कलेक्ट राजेन्द्र भट्ट ने कर्फ्यू और कंपलीट शटडाउन का सख्त फैसला लिया था। ‘शटडाउन, कर्फ्यू का ऑर्डर पास होने के तुरंत बाद हमने पूरे शहर में घूम-घूम कर सब कुछ बंद करवा दिया। लोगों को समझाया, आग्रह किया और उन्हें भरोसे में लिया। हम दिन-रात लगे रहे, हमने यह भी कोशिश की कि जनता घबराए नहीं, अब हमें एक-दो दिन में ही लोगों को बुनियादी आवश्यकताओं को सुनिश्चित करना था, हमने दूध, फल, सब्जियों जैसी खाद्यान्न सामाग्री का डॉर टू डोर सप्लाई का बंदोबस्त किया। हालांकि इसमें सप्ताह भर लगा, लेकिन अगर आप जनता की बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं करेंगे तो वह आपका साथ नहीं देगी। डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर राजेन्द्र भट्ट के नेतृत्व में हमारी टीम ने बहुत अच्छा काम किया।’