-क्या मानवीय पहलु की आड़ में दो दोस्त दोस्ती निभा रहे है ?
-क्या भारत की मजबूरी है निर्यात से प्रतिबंध हटाना ?
-क्या मोदी ट्रंप से दोस्ती निभा रहे है ?
-क्या इसके पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय दबाव है? या डोनाल्ड ट्रंप का कोई निजी मकसद?
ट्रंप का निजि फायदा ?
अमेरिका के अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की वेबसाइट पर इस बात का खुलासा किया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप आखिर क्यों मलेरिया की दवा हर कीमत पर हासिल करना चाहते है। मीडिया संस्थान ने बताया है कि डोनाल्ड ट्रंप का इसमें निजी फायदा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार अगर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को दुनियाभर में कोरोना के इलाज के लिए अनुमति मिलती है तो उससे ये दवा बनाने वाली कंपनियों को बहुत फायदा होगा। ऐसी ही एक कंपनी में डोनाल्ड ट्रंप का शेयर है। साथ ही उस कंपनी के बड़े अधिकारियों के साथ डोनाल्ड ट्रंप के गहरे रिश्ते हैं जी हां वेबसाइट पर लिखा है कि डोनाल्ड ट्रंप का फ्रांस की दवा कंपनी सैनोफी को लेकर व्यक्तिगत फायदा है। कंपनी में ट्रंप का शेयर भी है। ये कंपनी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को प्लाकेनिल ब्रांड के नाम से बाजार में बेचती है।
निर्यात पर प्रतिबंध हटा
कोरोना वायरस के मरीजों के लिए कारगर मानी जा रही मलेरिया रोधक दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इस दवा पर लगे निर्यात से आंशिक तौर पर प्रतिबंध हटा दिया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन और पैरासिटामॉल दवाओं के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को आंशिक तौर से हटा दिया है। मानवीय आधार पर यह फैसला लिया गया है। ये दवाएं उन देशों को भेजी जाएंगी जिन्हें भारत से मदद की आस है। फिलहाल यह फैसला नहीं किया गया है कि किस देश को दवा की कितनी आपूर्ति की जाएगी।
हालांकि घरेलू जरुरतें पूरी होने के बाद स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर निर्यात किया जाएगा। दो दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का स्टॉक भेजने का अनुरोध किया था। ट्रंप ने कहा कि था कि इस दवा के उनके देश में अच्छे नतीजे आए हैं। वैज्ञानिकों ने मलेरिया में दी जाने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना से लड़ने में कारगर बताया है।
भारत को नतीजे भुगतने की धमकी
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि यदि भारत अनुरोध के बावजूद अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात की अनुमति नहीं देता है तो उन्हें हैरानी होगी। पिछले हफ्ते ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है ताकि भारत अमेरिकी में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की बिक्री की इजाजत दे। इससे कुछ घंटे पहले ही भारत ने मलेरिया की इस दवा के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था।