फोकस भारत। कोरोना संक्रमण के खतरों से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। ऐसे में उत्तर भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला राजस्थान में सामने आया था। ऐसे में कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर कदम उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देश भर में लॉकडाउन 24 मार्च से किया है, लेकिन गहलोत ने राजस्थान में 22 मार्च को ही राज्य भर में लॉकडाउन कर दिया था। अब गहलोत सरकार प्रदेश के सभी लोगों की एक तरफ स्क्रीनिंग कर रही है तो दूसरी तरफ सबसे ज्यादा कोरोना वायरस की टेस्टिंग भी जा रही है। करीब 7.50 करोड़ की आबादी वाले राजस्थान में कोरोना वासरय के सवा सौ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और अब तक 3 लोगों की इससे मौत हो चुकी है। उत्तर भारत में कोरोना पॉजिटिव का सबसे पहला मामला राजस्थान के जयपुर में ही आया था, जब दो इटालियन टूरिस्ट कोरोना पॉजिटिव मरीज के रूप में सामने आए थे।
राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए एक लाख क्वारनटीन बेड का इंतजाम किया है। कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सहायता कोष बनाया और लोगों से आर्थिक सहयोग की अपील भी की। इसके अलावा उन्होंने लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा न रहे इसके लिए दो महीने की पेंशन और मजदूर और गरीबों को 1000 रुपये की आर्थिक मदद पहुंचाने का काम किया है। लॉकडाउन के दौरान पैदल चल रहे श्रमिकों को उनके गंतव्य या उत्तर प्रदेश की सीमा तक छोड़ने की निशुल्क यात्रा की व्यवस्था की है। साथ ही वहीं दूसरे राज्यों में रह रहे राजस्थान के लोगों को वापस लाने के लिए भी बस मुफ्त में चलवाई थी। अपने-अपने घरों को वापस आने वाले लोगों की पहले स्क्रीनिंग कराई और उन्हें 14 दिन के लिए अलग क्वारनटीन रखा है।