शाहीन बाग खाली होने को जीत-हार के चश्में से देखना क्या सही है ?

फोकस भारत। दिल्ली पुलिस ने 24 मार्च को  लॉकडाउन के चलते तीन महीने से ज्यादा समय से चल रहे शाहीन बाग प्रदर्शन को खत्म करा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के नियुक्त किए गए वार्ताकारों ने शाहीन बाग को खाली कराए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। वार्ताकारों ने लोगों से अपील की है कि वो इसे ‘जीत या हार’ के तौर पर न देखें। शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में वरिष्ठ वकील साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े को शाहीन बाग का वार्ताकार नियुक्त किया था। वार्ताकारों ने बताया है कि उन्होंने कोर्ट में दो रिपोर्ट दाखिल की हैं।हम सबसे अपील करते हैं कि इसे जीत या हार के तौर पर न देखें। देश इस समय भयानक महामारी का सामना कर रहा है और सबका ध्यान उसी पर होना चाहिए। हम प्रशासन और प्रदर्शनकारियों से प्रार्थना करते हैं कि ऐसा कुछ न करें जिससे हालात खराब हो जाएं।

 

 

 

 

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