फोकस भारत। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 का काउन डाउन शुरु हो गया है। सितम्बर के पहले सप्ताह में आंचार संहिता लगने संभावना है ऐसे में बीजेपी का कुनबा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद से ही सभी नेता और विधायक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की नीतियों से प्रभावित होकर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। इसी कड़ी में मनोहर सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर उद्योगपति रवि चौहान (रवीन्द्र पाल सिंह चौहान) ने थामा बीजेपी का दामन ।
कौन है रवि चौहान
रवि चौहान हरियाणा राज्य के नामी बिजनेसमैन और समाजसेवी है। राजपूत समाज के साथ ही सर्वसमाज में गहरी पहुंच है। रेवाड़ी जिले के गोठडा-ठप्पा गांव से तालुक रखते है। रवि 2014 में अटेली से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुना लड़ा था। 1987 और 1991 में वह गांव के सरपंच रहे।
BJP अनुशासन वाली पार्टी
रवि चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर मैंने बिना किसी शर्त के भाजपा ज्वॉाइन की है। चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि अगर पार्टी ने आदेश दिया तो जरुर लड़ूंगा चुनाव। वरना कार्यकर्ता के रुप में ही कार्य करता रहूंगा। भाजपा एक अनुशासन वाली पार्टी है जिसमें रहकर मुझे समाज सेवा करने का अवसर मिलेगा। मनोहर राज का हरियाणा में नाम राम राज जैसा है।
चरखी दादरी से लड़ सकते है चुनाव
सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक रवि चौहान चरखी दादरी विधानसभा से चुनाव लड़ सकते है। दरअसल परिसीमन के बाद दादरी विधानसभा क्षेत्र में पंवार राजपूत खाप के करीब एक दर्जन नए गांव शामिल करने के बाद जाट, गैर जाट मतदाताओं का संख्या के हिसाब से फासला और भी बढ़ गया था। सन् 2005 के विधानसभा चुनाव तक इस क्षेत्र में जाट वर्ग के 39 व गैर जाट 61 फीसदी थे। परिसीमन के बाद हुए चुनाव में जाट 33 व गैर जाट 67 प्रतिशत हो गए थे। दादरी विधानसभा क्षेत्र में मुख्यत: चार जोन चुनाव के नतीजों को प्रभावित करते रहे हैं। इनमें सांगवान खाप के गांव, पंवार, राजपूत खाप के गांव, दादरी शहर व सतगामा बारहा खाप के गांव शामिल हैं