देश के पहलवानों(Wrestler) को देशभर से अलग अलग तरीके से समर्थन मिल रहा है, राजस्थान युवा बोर्ड के(Rajasthan Youth Boatd) अध्यक्ष व युवा नेता सीताराम लांबा (Sitaram Lamba) ने भी सोमवार को पहलवानों के समर्थन में राजधानी के एसएमएस स्टेडियम पर एक दिवसीय उपवास रखा, गांधी वादी तरीके से सुबह 9 बजे से शुरू हुआ उपवास शाम 5 बजे तक चला, इस दौरान लांबा के साथ खिलाड़ियों सहित विभिन्न संगठनों के लोग भी उपवास पर बैठे, देश के पहलवानों के समर्थन में उपवास पर बैठे सीताराम लांबा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा की पिछले कई महीनों से हमारे देश के कुश्ती पहलवान न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं, केंद्र सरकार जिस तरह का बर्ताव कर पहलवानों को प्रताड़ित कर रही है, हमारे लोकतांत्रिक देश में जिस तरह लोगों की आवाज दबाई जा रही है, उसके खिलाफ मैंने एक दिन का उपवास रखा है
सीताराम लांबा ने आगे कहा की मेरा यह उपवास इसलिए है, जब देश की खिलाड़ी बेटियां आवाज उठाती हैं की कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष ने हमारे साथ ज्यादती की है, इस पर फेडरेशन के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होता है, जब बेटियां संघर्ष करती है तो सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता से मुकदमा दर्ज होता है. जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज होता है, उसके अनुसार गिरफ्तारी होनी चाहिए, आज तक उसमें गिरफ्तारी नहीं हुई, बेटियां जब जंतर मंतर पर धरने पर बैठती हैं तो वहां से उन्हें जबरन हटा दिया जाता है और केंद्र सरकार की इसमें संवेदनशीलता नहीं दिखती है
सीताराम लांबा ने आगे कहा की जिन पहलवानों ने देश का मान बढ़ाया, उन खिलाड़ियों के साथ अगर सरकार इस तरह का व्यवहार कर सकती है तो आम जनता का तो कोई लेना-देना ही नहीं है, जब पहलवानों को जंतर मंतर से हटाया गया उस समय देश भर के लोगों ने अलग-अलग तरीके से आवाज उठाई, इसके बावजूद भी सरकार की कान पर जूं नहीं रेंगी. देश के खिलाड़ियों ने हताशा में तय किया कि मेडल गंगा में बहा देंगे, हम पहलवानों से कहना चाहते हैं कि हम उनके साथ खड़े हैं, हम लोग गांधी के रास्ते पर चलने वाले लोग हैं, गांधी के इस देश में पहलवानों को हताश होने की जरूरत नहीं है, जब भी पहलवान आवाज देंगे, हम संघर्ष करेंगे, आप जहां बुलाएंगे, हम वहां आएंगे, आखिर में देश की इस तानाशाह सरकार को झुकना पड़ेगा