Rajasthan Assembly Election 2023- राज्य विधानसभा चुनाव में सात महीने का समय बचा है, लेकिन अभी तक सत्ता विरोधी स्वर की प्रबलता नजर नही आ रही है। राजनैतिक विश्लेषक कहते है कि, सचिन पायलट के अनशन से “बीजेपी को थोड़ा मनोवैज्ञानिक लाभ मिल सकता है, लेकिन एक सकारात्मक पक्ष यह है कि इस लड़ाई से सरकार के ख़िलाफ़ सत्ता विरोधी लहर नहीं बन पाई है”, “आम लोगों को लगा है कि सरकार जो काम कर रही है, कुछ लोग इसमें बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, सत्ता विरोधी स्वर इस बार प्रबल नहीं हो पाया है”
विश्लेषक आगे कहते हैं, “साल 1998 से कांग्रेस सत्ता में रहते आई है, इतना अनूकूल वातावरण कभी नहीं रहा जैसा अभी है, चुनाव से पहले सत्ता विरोधी लहर होती थी, उसकी कई वजहें होती थीं, कई बार राज्य और कई बार केंद्रीय कारण बनते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है”