इनसाइड स्टोरी: भाजपा में शीर्ष नेतृत्व ही सर्वोपरि, BJP में शामिल नहीं हो पाए देवी सिंह भाटी

आज बीजेपी प्रदेश पदाधिकारियों और कार्य समिति नेताओं की बैठक प्रदेश कार्यालय जयपुर में बुलाई गई है। उससे पहले बीजेपी में पुराने पार्टी नेताओं की घर वापसी पर अंदरुनी विवाद उजागर हो गया। जिसके कारण पार्टी में आज नेताओं की जॉइनिंग और घर वापसी का कार्यक्रम टाल दिया गया है। इससे पहले 8 अक्टूबर को बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी(devi singh bhati) ने भी बीजेपी में वापसी का ऐलान किया था। लेकिन पूर्व CM वसुंधरा राजे(vasundhara raje) के खेमे के भाटी की बीजेपी में एंट्री नहीं हो सकी है। भाटी समेत 5 नेता ऐसे हैं, जो बीजेपी में घर वापसी की कतार में बताए जाते हैं। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सांसद रहे सुभाष महरिया, पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र गोयल, पूर्व विधायक विजय बंसल शामिल हैं। सूत्र बताते हैं इनके अलावा भी 4-5 पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व पार्टी पदाधिकारी पार्टी में आना चाहते हैं, कई कांग्रेस नेता भी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में एंट्री करना चाहते हैं।

देवी सिंह भाटी की बीजेपी में वापसी क्यों रुकी?

राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि  किसी भी नेता की पार्टी में जॉइनिंग संगठन ही करवाता है। देवी सिंह भाटी ने वसुंधरा राजे के हाल ही में हुए बीकानेर दौरे के वक्त व्यवस्थाएं संभाली थीं। इससे पहले उन्होंने प्रदेश बीजेपी पदाधिकारियों से किसी तरह की बातचीत या सहमति के बिना खुद ही 8 अक्टूबर को बीजेपी जॉइन करने की घोषणा कर दी। इससे प्रदेश बीजेपी भी सकते में आ गई। इसे पार्टी में आने से पहले ही अनुशासनहीनता के तौर पर देखा गया। पिछले लोकसभा चुनाव से पहले मार्च 2019 में पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने बीजेपी पार्टी छोड़ने की घोषणा की थी। तब उन्होंने कहा था कि सांसद और केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल (arjun ram meghwal)को लोकसभा चुनाव में दुबारा उम्मीदवार बनाए पर उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है। उन्होंने अर्जुनराम मेघवाल पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाए थे। देवी सिंह भाटी साल 1980 से लगातार 7 बार विधायक रह चुके थे। भाटी ने तब कहा कि 2014 में भी मुझ पर दबाव डाला गया। समझाइश करने की बात कही, लेकिन कहीं समझाइश की गुंजाइश ही नहीं रही, इसलिए मैंने मजबूरी में इस्तीफा भेज दिया है।

 

भाजपा में शीर्ष नेतृत्व ही सर्वोपरि है

राजनीतिक पंड़ित कहते है कि भाजपा में कल एक बड़ा सियासी घटनाक्रम हुआ, बीकानेर में पिछले 1 महीने से देवी सिंह भाटी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के दौरे की तैयारियां कर रहे थे और कल उनका भाजपा ज्वाइन करना था,लेकिन वसुंधरा राजे चाह कर भी भाटी को कल ज्वाइन नहीं करवा पाई, दिल्ली से किसका और किसके माध्यम से फोन आया कि प्रोग्राम को पोस्टपोंड करना पड़ा, यह कदम बताता है वसुंधरा राजे की आगे की भविष्य की राजनीति क्या रहेगी,एक नेता को पार्टी में कल ज्वाइन नहीं कराना उनके लिए शुभ संकेत नहीं है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका विरोधी धड़ा और संगठन फिलहाल ज्यादा भारी है, इससे यह भी साफ हो गया भाजपा में शीर्ष नेतृत्व ही सर्वोपरि है,2023 के विधानसभा चुनाव से पहले बीकानेर की यह घटना बिल्कुल भी सामान्य नहीं है