राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष(congress president election )के तौर पर क्या चला, सियासी तूफान खड़ा हो गया। कांग्रेस आलाकमान भी इस आग को शांत नहीं कर सका तो गेम ही बदल दिया गया। अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह(digvijay singh) को केरल से दिल्ली बुलाकर चुनाव लड़ने के निर्देश दिए गए हैं।कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्थान CM विवाद के बीच दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। दिग्विजय दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं यहां नामांकन फॉर्म लेने आया हूं और कल नामांकन करूंगा। दिग्विजय थोड़ी देर में गहलोत और सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि 1-2 दिन के अंदर राजस्थान का मामला सुलझ जाएगा। वेणुगोपाल ने सोनिया से मुलाकात के बाद यह बात कही। अब सवाल यह उठता है कि क्या दिग्विजय सिंह की एंट्री के बाद अब तक दावेदारी कर रहे शशि थरूर और अशोक गहलोत के लिए कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी की रेस का गेम ओवर हो गया है।
गांधी परिवार के विश्वासपात्र नेता
दिग्विजय सिंह 1987 से ही गांधी परिवार के करीबी रहे हैं। राजीव गांधी की मौत के बाद वह सोनिया गांधी के विश्वासपात्र बने। इसके बाद राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद वह उनके मार्गदर्शक बने। कांग्रेस में कई नेताओं ने पार्टी के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन दिग्विजय सिंह हमेशा गांधी परिवार और पार्टी के साथ खड़े रहे। साथ ही वह विरोधियों के खिलाफ खुलकर बोले भी। ऐसे में गांधी परिवार के लिए उनका चुनौती बनने की संभावना कम है।