राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सचिन पायलट पर दिये बयान के बाद हलचल तेज हो गई है। भाजपा के विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और कद्दावर नेता राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने सचिन पायलट के धैर्य की तारीफ क्या कर दी, गुस्साए CM गहलोत ने पायलट पर सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाकर सीधे-सीधे कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती दे डाली। नीलकंठ बने पायलट जब जहर उगलेंगे, तो सरकार के तबाह होने की संभावना प्रबल हो जाएगी। राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कांग्रेस में आपसी लड़ाई और अपमान की राजनीति चरम पर है। मुख्यमंत्री ने 5 साल से ज्यादा समय तक कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले PCC के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को कभी नकारा, निकम्मा और गद्दार कहा, तो कभी बिना रगड़ाई के पद पाने पर तंज कसा। अब हदें पार हो गईं जब मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री के सहारे धुर विरोधी सचिन पायलट को निशाने पर लेकर सरकार गिराने के षड्यंत्र का मुख्य सूत्रधार ही बता दिया। अगर मुख्यमंत्री के पास सबूत है, तो सचिन पायलट के खिलाफ ACB में दायर 3 मुकदमों पर कार्रवाई क्यों नहीं करवाते ?
राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि राहुल गांधी ने धैर्य के मामले में सचिन पायलट का उदाहरण दिया तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत असहज दिखाई दिए और राजनीतिक अदावत खुलकर सामने आ गई । केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पिछले दिनों चौमूं में जनसभा में कहा था कि सचिन पायलट से चूक हो गई, उनमें कुछ खामी रह गई। जिसके बाद CM अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ सचिन पायलट को भी निशाने पर लेकर सियासत में हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक पंडित कहते है कि राजस्थान की सियासत में आने वाले दिनों में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते है ।