Shree kshatriya yuvak sangh heerak jayanti: श्री क्षत्रिय युवक संघ (Shree kshatriya yuvak sangh) के 75 वर्ष पूर्ण होने पर 22 दिसम्बर को राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) में देशभर से क्षत्रिय समाज के लोग जुटें। अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले राजपूत समाज के संगठन श्री क्षत्रिय युवक संघ की हीरक जयंती (Diamond Jubilee) समारोह में कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी साफ दिखाई दी। अब बड़ा सवाल ये है कि ओमिक्रॉन के बीच ‘हीरक जयंती समारोह’ में लाखों की भीड़ जुटाकर खतरा बढ़ाने पर जवाबदेही किसकी? आखिर मीडिया रिपोर्टिंग में भी खामाोशी नजर आती है। दूसरा सवाल ये है कि क्या जाति विशेष का ऐसे शक्ति प्रदर्शन भारत में जातिवाद की खाई को गहरा कर रहा है। एक दूसरे की होड़ में दूसरी जातियां भी ऐसा कदम उठायेगी तो समाज में आने वाले 100 सालों में भी ऊंच-नीच जात का दंश खत्म नहीं होगा?
हीरक जयंती समारोह के पोस्टर पर नजर डाले तो लिखा मिलेगा – ‘कौम के लिए है, आज काम की घड़ी’। अब सवाल ये है कि आखिर युवा पीढ़ी में जातिवाद का जहर क्यों घोला जा रहा है। क्योंकि राजनीतिक दल और राजनेता तो वोट बैंंक के चलते कभी जातिवाद को खत्म नहीं होने देंगे। तो आखिर सामाजिक संगठन भी जाति विशेष को बढ़ावा देंगे तो समाज का विकास कैसे होगा। जात-पात की रेखा गहरी होती चली जायेगी। इंसान दूसरे इंसान को इंसानियत के चश्मे की जगह जाति के चश्मे से नाप- तोलेगा। हालांकि इस समारोह में सर्वधर्म और समाज के लोगो को आमंत्रित किया गया है। लेकिन लाखों की संख्या में राजपूत समाज का एकत्रित होना और जातिवाद को बढ़ावा देने तौर पर देखे जाने से अलग नहीं किया जा सकता है।
समारोह का आयोजन जयपुर के सीकर रोड स्थित भवानी निकेतन में किया गया। इस आयोजन में बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के कई नेता शामिल हुए समारोह में हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई। इस समारोह की एक विशेष बात ये है थी कि अलग अलग राजनीतिक विचारधारा के लोग एक जाजम पर दिखाई दिए। इस दौरान मंच पर किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को जगह नहीं दी गई। भले ही वह केंद्रीय मंत्री या प्रदेश में मंत्री क्यों न हो। मुख्य मंच पर केवल क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोहलसाबसर, क्षत्रिय युवक संघ के प्रमुख लक्ष्मण सिंह और महावीर सिंह सरवड़ी ही मौजूद रहें। उल्लेखनीय है कि श्री क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना 75 साल पहले बाड़मेर जिले के निवासी तन सिंह ने की थी। राजपूत समाज के पथ प्रेरक रहे तन सिंह बाड़मेर से सांसद भी रहे थे, उनकी 14 पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं, श्री क्षत्रिय युवक संघ की शाखायें न केवल राजस्थान बल्कि देशभर में फैली हैं।
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