रसूखदार कारोबारी मदन पालीवाल के गुणगान में जनप्रतिनिधी नतमस्तक, धार्मिक आयोजन की इजाजत कैसे मिली ?

फोकस भारत। तंबाकू का व्यापार करने वाला कारोबारी जिसके एक साल पहले ही छापे पड़े थे, युवाओं में नशा बेचकर धन कमाने वाले मदन पालीवाल(Madan Paliwal) के गुणगान में हमारी राजनीति नतमस्तक है, इन तस्वीरों में हर पार्टी के नेता मिल जाएंगे, है ना कमाल?

मदन पालीवाल को धार्मिक आयोजन कि इजाजत कैसे मिली?

दरअसल राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में रसूखदार कारोबारी मदन पालीवाल ने रामकथा का आयोजन किया जिसमें कथावाचक  मोरारी बापू (Morari Babu)  को सुनने के लिए राजस्थान के दिग्गज नेता पहुंचे। इन नेताओं में सता पक्ष के साथ ही विपक्ष के नेता भी मौजूद रहे । राजनैतिक विश्लेषक कहते है कि इस तरह से जनप्रतिनिधियों का कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए धार्मिक आयोजन में जाना आमजन में एक गलत संदेश देता है।  कोविड-19 के दिशा निर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई।  जब 16 जुलाई को ही राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर 21 जुलाई को होने वाले ईद के पर्व और जैन संतों के चार्तुमास के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाई है। सरकार के आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि ईद के दिन किसी भी धार्मिक स्थल पर इबादत का कार्यक्रम नहीं होगा। यानी मुसलमान भाई ईदगाहों अथवा बड़ी मस्जिदों में सामूहिक तौर पर नमाज भी अदा नहीं कर सकेंगे। इसी प्रकार बरसात के दिनों में जैन संतों के चर्तुमास के दौरान होने वाले धार्मिक आयोजनों पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यानी अब चार्तुमास के दौरान कोई जैन संत प्रवचन के आयोजन नहीं कर सकेंगे। सरकार ने यह रोक इसलिए लगाई है ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जाए। सरकार की ओर से कहा गया है कि भीड़ एकत्रित होने से कोरोना वायरस फैलता है। अब विशेषज्ञ भी मानते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। इसमें कोई दो राय नहीं कि दूसरी लहर की परेशानियों को देखते हुए लोगों को कोरोना की तीसरी लहर से बचने की जरूरत है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि धार्मिक आयोजन की इजाजत मदन पालीवाल को कैसे मिली ?  क्या ऐसे धार्मिक आयोजन रोकने की जिम्मेदारी इन जनप्रतिनिधियों की नहीं है?  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। अखबारों में बड़े बड़े विज्ञापन देकर भी यह बताया गया है कि कोरोना का डेल्टा प्लस वायरस राजस्थान में प्रवेश कर चुका है। यदि डेल्टा प्लस वायरस अपने पैर पसारता है तो फिर राजस्थान वासियों को परेशानी के दौर से गुजरना पड़ेगा। सवाल यह भी है कि जब किसी दुकान पर भीड़ होने पर जिला प्रशासन दुकान के खिलाफ कार्यवाही करता है तो फिर मदन पालीवाल पर धार्मिक आयोजन कराने पर कोविड-19 के नियमों के तहत कार्यवाही क्यों नहीं होती हैं?

 

मदन पालीवाला द्वारा आयोजित धार्मिक आयोजन का सोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधी कर रहे प्रचार

रसूख और पैसे के खेल के आगे हमारे जनप्रतिनिधी नतमस्तक नजर आ रहे है। राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि राजस्थान  में धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध होने के बावजूद सभी जनप्रतिनिधी का शरीक होना रसूख की कहानी बयां कर रहा है। मदन पालीवाल साबित कर दिया की कांग्रेस के साथ ही उनका दबदबा भाजपा में भी कायम है। इतना ही नहीं राजस्थान के विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी. जोशी,  चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत, प्रतिपक्ष उपनेता राजेन्द्र राठौड़ समेद कई नेताओं पर सोशल मीडिया पर मदन पालीवाल को आयोजन के लिए धन्यवाद देने के साथ तस्वीरे डालकर खूब प्रचार किया।

 

कौन है मदन पालीवाल

राजस्थान के नाथद्वारा में जन्मे मिराज ग्रुप(Miraj Group) के मालिक है मदन पालीवाल। तम्बाकू का बड़ा कारोबार है मदन पालीवाल का इसके अलावा एफएमसीजी डिविजन , हॉस्पिटैलिटी , पीवीसी पाइप्स , कॉस्मेटिक्स और रियल एस्टेट । वर्ष 2008 से फिल्म प्रोडक्शन का बिजनेस  । वर्तमान में मिराज ग्रुप के कई कारोबार है।

ये जनप्रतिनिधी हुए शामिल

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया , मंत्री शांति धारीवाल , मंत्री रघु शर्मा, मंत्री उदय लाल अंजना,  राजेंद्र यादव , उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर, बलजीत यादव, आरसीए अक्ष्यक्ष  वैभव गहलोत , धर्मेंद्र राठौर, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, दीप्ति माहेश्वरी, रणदीप धनकड़ भी मौजूद रहे। कुछ नेता धर्मपत्नियों के साथ भी मौजूद रहे ।