पूर्व विधायक बोले- राजस्थान में वसुंधरा ही भाजपा, भाजपा ही वसुंधरा, उनके बिना सत्ता केवल एक सपना, 10 साल पहले भी यही बयान

फोकस भारत। without vasundhara raje not  bjp in rajasthan bhawani singh rajawat kota rajasthan  राजस्थान की राजनीति में काफी उफान नजर आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों पावर पॉलिटिक्स आसमान छूती हुई प्रतीक हो रही है । एक तरफ कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियों की मांग व मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर विधायकों की नाराजगी, बगावत की सुगबुगाहट देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के होर्डिंग से वसुंधरा राजे के नदारद होने के बाद वसुंधरा समर्थकों ने मोर्चा खोल रखा है। दरअसल  इस कड़ी में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के बाद अब पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत का भी नाम जुड़ गया है। कोटा के  उद्योग नगर जलदाय चौकी पर प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बातचीत में भवानी सिंह राजावत ने कहा कि राजस्थान में वसुंधरा ही भाजपा, भाजपा ही वसुंधरा है। भवानी सिंह ने बीजेपी के पोस्टर से वसुंधरा राजे को हटाने को आंतरिक लोकतंत्र बताया। कहा कि यह सभी पार्टी में होता है। राजस्थान में अभी तक वसुंधरा का कोई विकल्प नहीं है। आने वाले समय में पार्टी हाईकमान को विचार करके वसुंधरा को ही प्रोजेक्ट करना पड़ेगा। नहीं तो सत्ता में आना भारतीय जनता पार्टी के लिए यह केवल एक सपना होगा। वसुंधरा राजे के बिना राजस्थान अधूरा है।

10 साल पहले भी यही बयान दिया गया था 

राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि जो आज भवानी सिंह राजावत ने बयान दिया है वही बयान 10 साल पहले भी दिया गया था लेकिन देने वाला शक्स कोई ओर था। दरअसल  10 साल पहले राजेंंद्र राठौड़ ने कहा था भाजपा ही वसुंधरा और वसुंधरा ही भाजपा है। उस समय भी बीजेपी में वसुंधरा राजे और विरोधी खेमे में खूब ठनी हुई थी। राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि  अब राजेंद्र राठौड़  आजकल राजे विरोधी खेमे में हैं। सहाड़ा उपचुनाव के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब राठौड़ से उस पुराने बयान के बारे में पूछा गया था, तब राठौड़ ने कहा था कि इतने साल में हालात बदल गए हैं। ​बीजेपी जब भी विपक्ष में रही, तब तब खेमेबंदी ज्यादा तेज हुई है।

राजस्थान बीजेपी में टकराव का संकेत

लिहाजा पिछले दिनों बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर लगे नए हॉर्डिंग से वसुंधरा राजे के फोटो गायब कर दिए गए। राजे के फोटो गायब करने को प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने बदलाव की निरंतरता प्रक्रिया बताकर सही ठहराया और कहा कि मेरी भी फोटो हमेशा नहीं रहेगी। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक मानते है कि ये घटनाक्रम राजस्थान बीजेपी में टकराव का संकेत जरुर है।