कोरोना महामारी के बाद कृषि की तरफ युवाओं का बढ़ता क्रेज!

कोरोना महामारी के दौरान कई बड़ी कंपनियों के ताले लग गए। जिससे लाखों लोगों की नौकरियां चली गई। नौकरी की तलाश में जो लोग अपना गांव छोड़कर शहरों में आ बसे थे, उनको वापस अपने गांव लौटना पड़ा। करीब दो महीनें लॉकडाउन में रहने के बाद युवा वर्ग ग्रामीण क्षेत्र में ही काम की तलाश में लग गए। अब गांवों में बड़ी-बड़ी कंपनियां तो है नहीं, ऐसे में लोगों ने कृषि के क्षेत्र की तरफ अपना हाथ बढ़ाया है। आजादी के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था के बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा हाथ कृषि का ही है।

कृषि की तरफ युवाओं का बढ़ता क्रेज:

कोरोना महामारी ने जहां एक तरफ शहरी अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करके रख दिया है, वहीं अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती से ही भारतीय अर्थव्यवस्था को बल मिल सकता है। ऐसे में जो लोग लॉकडाउन के चलते शहरों को छोड़कर अपने गावों में गए है। उन्होंने कृषि को प्राथमिकता दी है। इसके चलते कृषि के आंकड़ों में काफी वृद्धि देखने को मिली है। राजस्थान में इस समय खरीब की फसल की बुवाई का समय है। अगस्त के पहले सप्ताह तक खऱीफ फसलों का रकबा बीते साल की तुलना 10 फीसदी से भी अधिक है। ये आंकड़ा दर्शाता है कि लोग वाकई अब कृषि क्षेत्र में अपना भविष्य देख रहे है।

खेती, युवा और नवाचार से अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल:

ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खुद खेती करके अपना गुजारा करते है, लेकिन अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर नौकरी करने के लिए शहरो में भेजते है। कोरोना की माहमारी ने अब लोगों की मानसिकता में थोड़ा बदलाव किया है। और अब लोगों का कृषि की तरफ रुझान वापस बढ़ रहा है। कृषि बुवाई के बढ़ते आंकड़ें भी इसी तरफ इशारा कर रहे है। युवा कृषि में नई-नई तकनीकों के उपयोग से पैदावार के ग्राफ में भी काफी इजाफा कर सकते है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था को काफी बल मिलेगा। भारत हमेशा से ही कृषि प्रधान देश रहा है।

सरकार भी दे रही है कृषि को बढ़ावा:

पिछले कुछ सालों में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि की तरफ लोगों का रुझान कम हो रहा है। लेकिन सरकार कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों के लिए कई योजनाएं लेकर आई है। शनिवार को पीएम मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता है – आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस दिशा में कई कदम उठाए गए है और इस कोरोना काल में ही कुछ दिन पहले किसानों को आधुनिक ढांचागत सुविधा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का कृषि बुनियादी ढांचा कोष बनाया गया है।’ पीएम मोदी का संकेत भी साफ़ है कि युवा आगे आकर कृषि के क्षेत्र में कार्य करें। जिससे भारत के विकास को मजबूती मिलेगी।

गौरतलब है कि देश की 70 फीसदी आबादी को कृषि पर आधारित है। देश में जितने भी उद्योग है उसका सारा कच्चा माल कृषि से ही मिलता है।

 

रिपोर्ट: सूर्यकांत सोनी