प्रवासी राजस्थानियों की घर वापसी की क्या है ‘विशेष योजना’, जिसकी हो रही हैं तारीफ

फोकस भारत। मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत के आदेश के बाद राजस्थान के प्रवासी लाेगाें काे दूसरे राज्याें से लाने के लिए सरकारी मशीनरी एक्टिव हाे गई। 14 राज्याें से प्रवासियाें काे लाने के लिए 19 आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल, पंजाब, गुजरात, ​तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक सहित अन्य राज्याें का प्रभार दिया गया है। ये अधिकारी संबंधित राज्याें से बात कर वहां से प्रवासी लाेगाें और श्रमिकाें काे लाने और यहां रह रहे प्रवासी श्रमिकाें काे उनके राज्याें तक पहुंचाने में मदद करेंगे।

श्रमिकों को कराना हाेगा पंजीकरण, तय तिथि व समय पर घर आने की व्यवस्था होगी
राज्य सरकार के अनुसार राजस्थान मूल के प्रवासी श्रमिकों को हैल्पलाइन नंबर 18001806127, emitra.rajasthan.gov.in पोर्टल, ई-मित्र मोबाइल एप अथवा ई-मित्र कियोस्क पर पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकृत श्रमिकों की संख्या के अनुसार उन्हें तय तिथि एवं समय पर घर जाने की व्यवस्था की जाएगी। जो व्यक्ति अपने वाहन से आना चाहेगा, उसे पंजीकरण में इसका उल्लेख करना होगा। कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से सड़कों पर नहीं निकले और न ही रवाना हों। परिवहन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, स्क्रीनिंग के समय धैर्य बनाए रखें।

राज्य सरकार ने उठाए ये कदम

– राज्य के सीमावर्ती जिलों में चैक पोस्ट स्थापित की जाए
– चेक पोस्ट पर सभी आगंतुकों का रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य हो
– स्थानीय स्तर पर सूचना तंत्र मजबूत किया जाए
– कोई बाहरी और नए व्यक्ति गांव मोहल्ले में आए तो इसकी सूचना तत्काल स्थानीय प्रशासन को दी जाए
– नए व्यक्ति को 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में अपने घर में रखा जाये
– जो व्यक्ति घर में रहकर क्वॉरेंटाइन का उल्लंघन करता है तो उसे प्रशासन के आइसोलेशन सेंटर में रखा जाए
– प्रत्येक पटवारी अपने पटवार हल्का क्षेत्र के लिए उत्तरदायी होगा
– सूचना आने पर पटवारी तहसीलदार/एसडीएम को इसकी तत्काल जानकारी देगा
– पटवारी की सहायता के लिए बीएलओ लगाया जाएगा
– स्थानीय लोग नए व्यक्ति को गांव में प्रवेश नहीं करने देते हैं तो ऐसी स्थिति में उसे स्कूल आदि में रखा जाए
– खाने पीने की व्यवस्था स्थानीय नागरिक करेंगे

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