‘मां, मुझे माफ करना, मैं आपकी चिता को अग्नि नहीं दे पाया’

फोकस भारत। ये मार्मिक तस्वीर है राजस्थान की।   कोरोना वॉरियर है जयपुर से सवाई मानसिंह अस्पताल के आइसोलेशन और आईसीयू के नर्सिंग इंचार्ज राममूर्ति मीणा। करौली जिले के राणौली गांव में 30 मार्च को राममूर्ति की 93 साल की  मां भोली देवी दुनिया को अलविदा कह गई । लेकिन राममूर्ति सेवा में जुटे होने की वजह से घर नहीं जा पाए। कोरोना से जिंदगी की जंग लड़ रहे लोगों को भला अकेला कैसे छोड़ सकता था ये बेटा ?  और मां की अंत्यृष्टि में न जाने का कठिन फैसाल किया। एक ओर मरीजों की सेवा तो दूसरी ओर आंंखों से बहते पानी को रोकते हुए वीडियो कॉल पर मां के अंतिम संस्कार में भागीदारी निभाई।   फोकस भारत को राममूर्ति ने बताया कि मुझे अफसोस है कि मां के अंतिम संस्कार में गांव नहीं जा सका। मैं कोरोना मरीजों को भी ऐसे छोड़ कर नहीं जा सकता था। कोरोना वायरस से हम सभी को एकजुट होकर लड़ना है। पत्नी और बच्चे सभी गांव में है। भाईयो ने मुझे कहा कि आप कोरोना मरीजो की सेवा करो हम यहां सब संभाल लेंगे। परिवार की वजह से ही मुझे हिम्मत मिली है। अब मैं खुद 14 दिन के क्वारनटाइन में हूं। राममूर्ति ने कहा कि  मेरी ड्यूटी है लोगों की जान बचाना। और  मां से माफी मांगते हुए राम बोले- मां, मुझे माफ करना मैं आपकी चिता को अग्नि नहीं दे पाया । 

 

 

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