PMNRF पहले से मौजूद तो PM-CARES की जरूरत क्यों पड़ी?

फोकस भारत।  पहले से ही प्रधानमंत्री राहत कोष नाम का एक फंड है। उसकी अपनी वेबसाइट है। 1948 से ये कोष आपदा में काम कर रहा है। 2019 तक उसकी ऑडिट मौजूद है। देश के हर राष्ट्रीय बैंक में इसका खाता है। उप प्रधानमंत्री/गृह मंत्री, रक्षा मंत्री के अलावा FICCI का प्रतिनिधि उसमे है। टाटा ट्रस्ट का एक प्रतिनिधि है।

फिर अलग से PMCARES की ज़रूरत क्यों पड़ी? इसकी कोई वेबसाइट तक नहीं?

इसकी संरचना भी किसी को पता नहीं?

PMNRF की वेबसाइट के मुताबिक उसके पास 37165593405 रुपए 31 मार्च 2019 को बचे हुए थे।

 

जी हां सवाल उठने लगे है ,  PMNRF पहले से मौजूद तो PM-CARES की जरूरत क्यों पड़ी?

  • शशि थरूर और रामचंद्र गुहा ने पीएम-केयर्स फंड पर उठाए सवाल
  • पूछा-पीएमएनआरफ पहले से है तो पीएम-केयर्स की जरूरत क्यों?
  • कोविड-19 से लड़ने के लिए पीएम ने इस फंड की घोषणा की है 

     

  • सवाल उठना लाजिमि 
  • इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पीएम-केयर्स फंड बनाने पर सवाल उठाए हैं। गुहा ने पूछा है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) जब पहले से मौजूद है तब पीएम-केयर्स नाम से राहत कोष बनाने की जरूरत क्या है? गुहा ने पूछा है कि क्या इतनी बड़ी राष्ट्रीय आपदा का इस्तेमाल भी व्यक्तिगत छवि गढ़ने के लिए किया जाना चाहिए? कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस फंड को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से सवाल पूछे हैं।

    गुहा ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘यह काफी अहम बात है। जब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष पहले से मौजूद है तो एक नया फंड बनाने की जरूरत क्या है?’

  • इस राहत फंड पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता थरूर ने कहा है कि प्रधानमंत्री जिस तरीके से चीजों का नामकरण करते हैं उसे देखते हुए क्यों नहीं पीएमएनआरएफ का नाम बदलकर पीएम केयर्स कर दिया जाए। चैरिटेबल ट्रस्ट पीएम केयर्स के नियम एवं खर्चे पूरी तरह से पारदर्शी नहीं हैं? इस अत्यंत असामान्य कदम के लिए पीएमओ की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस बारे में अपना स्पष्टीकरण दे।
  • गौरतलब है कि कोरोना वायरस से प्रकोप से लड़ने और इससे प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए पीएम मोदी ने गत शनिवार को प्रधानमंत्री सिटिजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशंस फंड (PM-CARES) की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने लोगों से इस फंड में दान करने की अपील की है।

    पीएम ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘हर क्षेत्र के लोगों ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने की इच्छा जताई है। इस भावना का आदर करते हुए पीएम केयर्स फंड बनाया गया है। यह फंड एक स्वस्थ भारत का निर्माण करने में मदद करेगा।’ एक अन्य ट्वीट में पीएम ने लोगों से इस फंड में योगदान करने की अपील की। उन्होंने इस फंड से जुड़े ब्योर भी साझा किए।

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इन हस्तियों ने भी किया दान

इस फंड में देश के प्रमुख उद्योग घराने टाटा ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए 500 करोड़ और बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने 25 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। इस फंड में डिजायनर सव्यसाची ने 1.5 करोड़ रुपए, गौतम गंभीर ने 1 करोड़ रुपए और क्रिकेटर सुरेश रैना ने 52 लाख रुपए की मदद की है। इनके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी तरफ से योगदान दिया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर, किरण रिजिजू, संतोष गंगवार आदि ने अपनी एक महीने की सैलरी डोनेट करने का निर्णय लिया है.

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