नरेन्द्र मोदी-लिट्टी चोखा और क्रोनोलोजी

फोकस भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में दिल्ली में हुए ‘हुनर हाट’ कार्यक्रम में लिट्टी चोखा खाते नज़र आए। इसके बाद  सोशल मीडिया पर लिट्टी चोखा को लेकर चर्चा होने लगी और ये क़यास भी लगाए जाने लगे कि कहीं इसका संबंध बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से तो नहीं है। लेकिन राजनीतिक विशलेषक मानते है कि ये बीजेपी की मार्केटिंग स्ट्रटेजी है बिहार विधानसभा चुनाव के लिए  और इसे आप मोदी की क्रोनोलोजी भी कह सकते है।  पीएम मोदी की लिट्टी चोखा खाते हुए तस्वीर जमीन से जुड़े होने की कहानी बयान कर रही है क्योंकि लिट्टी चोखा इसका परिचायक है।

लिट्टी-चोखा को बिहार की सिग्नेचर डिश का दर्जा हासिल है, मोटे तौर पर लिट्टी बिहारी महिलाओं की रसोई का हिस्सा कम, और पुरुषों और यात्रियों का साथी अधिक रहा है। लिट्टी चोखा विशुद्ध रूप से आम आदमी या ये भी कह सकते हैं कि गरीब आदमी का भोजन है। पिछले कुछ सालों में बिहारी कामगारों के देभर में फैलने के बाद धीरे-धीरे इसके ठेले बिहार से बाहर भी दिखाई देने लगे हैं। 1980 के दशक तक दिल्ली में लिट्टी-चोखा सड़क किनारे मिलना मुश्किल था लेकिन अब यह दिखने लगा है।

 

  • तेज प्रताप यादव का पीएम मोदी पर निशाना
  • लिट्टी चोखा वाली तस्वीर पर RJD नेता का वार
  • इस साल के आखिर में होने हैं बिहार चुनाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को रिट्वीट करते हुए तेज प्रताप यादव ने लिखा, ‘कतनो खईबऽ लिट्टी चोखा, बिहार ना भुली राउर धोखा..!’ भोजपुरी भाषा में तेज प्रताप ने पीएम पर वार किया, जिसका मतलब है कि आप कितना भी लिट्टी चोखा खा लो, लेकिन बिहार को जो आपने धोखा दिया है वो कोई भी नहीं भूलेगा। दरअसल सोशल मीडिया पर निष्कर्ष निकाले जाने लगे कि क्योंकि इस साल के आखिर में बिहार चुनाव है, इसलिए प्रधानमंत्री लिट्टी चोखा खा रहे हैं। ताकि बिहार के लोगों से सीधा संबंध साध सकें।

बता दें कि हाल ही में खत्म हुए दिल्ली विधानसभा के बाद अब सीधे बिहार चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं।बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा, जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।  एक के बाद एक राज्यों में मिलती हार के बाद बीजेपी बिहार में जरूर जीतना चाहेगी। हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों बीजेपी को 70 में से केवल 8 सीटें मिली हैं।

 

Leave a Reply