राहुल से मुलाकात से पहले CM गहलोत के ट्वीट के सियासी मायने ?

फोकस भारत। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के झटके से कांग्रेस पार्टी अभी तक उभर नहीं पाई है। सोमवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें मनाने की कोशिश की थी, लेकिन राहुल मानने को तैयार नहीं हैं.।राहुल का कहना है कि वह अपना फैसला स्पष्ट कर चुके हैं, जिसे आप जानते हैं।

गहलोत के ट्वीट के सियासी मायने

राहुल गांधी से मुलाकात से पहले अशोक गहलोत के ट्वीट ने सियासत को तेज कर दिया है, दरअसल  सीएम गहलोत ने एक महिने बाद लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी ली है।  साथ ही उन्होंने ट्वीट कर वर्तमान परिदृश्य में राहुल गांधी के नेतृत्व पर ही भरोसा जताया है। गहलोत ने राहुल गांधी से साथ बैठक से ठीक पहले ट्वीट कर कहा कि 2019 के चुनाव में हार की जिम्मेदारी हम सभी की है।  राजनीतिक विशलेषक मानते है कि अशोक गहलोत सियासत के जादूगर है, ऐसे में उनके ट्वीट के सियासी मायने है। जिसके परिणाम दूरगामी होंगे।

 

क्या किया ट्वीट
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राहुल गांधी के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए उनके आवास पर आज कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। हम सभी ने यह कहा है कि हम कांग्रेस अध्यक्ष के साथ हैं और 2019 की पराजय की जिम्मेदारी हम सभी की है.’ गहलोत ने कहा कि हमारे देश और देशवासियों की भलाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता समझौतावादी और बेजोड़ है।

इससे अगले ट्वीट में गहलोत ने कहा कि, 2019 का चुनाव कांग्रेस के कार्यक्रम, नीति और विचारधारा की हार नहीं है. यद्यपि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनेक मोर्चों पर मोदी सरकार की विफलता के बावजूद, बीजेपी ने विफलताओं को ढका, सरकारी मशीनरी और राष्ट्रवाद के पीछे विफलताओं को छिपाया, इसके बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनावों में सर्वश्रेष्ठ कोशिश की।

गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा, ‘भाजपा अपने उन्मादी राष्ट्रवाद के पीछे अपनी नाकामियों को छिपाने में कामयाब हो गई लेकिन इन सबके बीच यह बात किसी से छिपी नहीं कि विपक्ष में से केवल कांग्रेस अध्यक्ष ने ही मुद्दा आधारित चुनाव बनाने का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया और भाजपा को चुनौती दी।’

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